अँधेरी रात का चाँद
अँधेरे से भी अँधेरी रात का चाँद ,
डरते हुए तारों से फुसफुसाया,चाँद, ना डर तू बादल से,
बादल तो आएंगे जायेंगे,
चन्दा रे, छिप जा थोड़ी देर बादल में,
लोग तुम्हे बुलाएँगे, मनाएंगे,
तेरी याद में कहानियाँ सुनाएंगे।
बादल के झुरमुट में,
धरती के लोग तुझे ढूढेंगे,
देखते ही तुझे आई-पाइस और धप्पा बोलेंगे।
बादल तो आएंगे जायेंगे,
बादल तो आएंगे जायेंगे,
धन्यवाद कर तू बादल का, क्यूंकि वो,
लोगों को तेरी याद दिलाएंगे। image source: http://blog.thomaslaupstad.com/2008/10/18/picture-of-moon-rising-over-treetops-and-shining-clouds-in-southern-norway/
एक खूबसूरत कविता : http://universeinaglassjar.blogspot.in/2014/12/blog-post.html
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